introduction in c++ (what is c++ in hindi)

जय हिंद दोस्तो स्वागत है आपका हमारी website gyanibasti इस पोस्ट मे हम आपको introduction  in c++ , advantages of c++ , c++ environment , text editor , compiler in c++ तथा various compiler in c++ से related सटीक जानकारी हम आपको देंगे जानकारी पाने के लिए इस पोस्ट को पढ़ते रहे |

Introduction in c++

C++ एक programming language है, इसे high-level-language भी कहते है | यह C का ही एक incremented version है , जिसे C++ का नाम दिया गया इस language को B Jurne Stroustrup ने AT&T  bell-laboratory मे 1980 ई. मे develop किया गया था | C++ को बनाने का मुख्य उद्देश्य था | उसे highly secure रखना इस बजह से उसमे OOPs concept जोड़ा गया | यह एक OOPs language है | लेकिन pure OOPs language नही है | क्योकि हम without OOPs concept का use कर program develop कर सकते है | यह सभी C language के concept को support करती है |

Advantages of C++

1 – C++ को OOPs concept data abstraction & encapsulation , polymorphism , inheritance के         द्वारा     security provide की गई है |
2 – यह language C से काफ़ी similar होने के कारण इसे सीखना सरल है |
3 – C++ मे inheritance का use करके re-usability से बचा जा सकता है |
4 – इसमे multiple classes का use किया जा सकता है!जिससे readability improve होती है |
5 – C++ language का use करके game,window based application,web browser,photo                editing etc. software develop किए जा सकते है |

C++ Environment

जब भी किसी programming language मे program develop करते है | तो उससे related environment की ज़रूरत पड़ती है | उसी प्रकार C++ मे application/program develop करने के following environment का use किया जाता है |

[1] – Text editor in c++

text editor का use करके हम program को develop कर सकते है | program को develop करने के लिए notepad , notepad++ , edit+, textpad etc. का use कर सकते है | इन editor मे develop किए program के source code के .cpp extension के साथ save करते है | तथा program compile तथा execute करने के लिए command prompt का use करते है |

[2] – Compiler in c++

c++ मे program develop करने compiler कुछ featured provide करता है | जहा पर एक ही platform पर write,compile and execute कर सकते compiler मे source code file save करते ही compiler automatic .cpp extension मे save करता है |

[3] – Various compiler in c++

C++ program develop करने के different-different compiler available है | जिसे user अपनी सूबिधा अनुसार use कर सकता है | compiler का use करने से programmer को develop,compile तथा de-bug करना easy हो जाता है | कुछ compiler following है |

♦ C++ builder
♦ Turbo C++
♦ Borland C++
♦ Digital mars
♦ Visual C++
♦ Visual edge C++
♦ Code block

following compiler का use कर programmer अपने program को de-bug तथा execute कर सकता है |

♠ Conclusion ♠

ये थी हमारी introduction in c++ की पोस्ट इस पोस्ट हमने आपको introduction  in c++ , advantages of c++ , c++ environment , text editor , compiler in c++ तथा various compiler in c++ से related जानकारी provide कराई है | हमे उम्मीद है , आपको हमारी यह पोस्ट पढ़ कर introduction in c++ hindi के सारे answer मिल गए होंगे | एसी ही जानकारी पाते रहने के लिए subscribe करे हमरी website gyanibasti को ताकि आपको c++ से related जानकारी मिलती रहे |

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