जय हिन्द दोस्त , GyaniBasti में आपका स्वागत है | इस पोस्ट में structure of c++ in hindi तथा documentation section से सम्बंधित , link section से सम्बंधित , global declaration section से सम्बंधित , class definition section से सम्बंधित method definition section एवं main method section से सम्बंधित सटीक जानकारी हम आपको देंगे | यहाँ पर structure of c++ in hindi को प्रदर्शित करके समझाया गया है | हमे विश्वास है की आप Structure of C++ की इस पोस्ट को पढ़कर अपने सवालो का जबाब पा सकेंगे |
Structure of C++
यहाँ पर Structure of C++ में सम्मिलित Structure शब्द से तात्पर्य एक ढांचे से है | जो किसी भी चीज़ को डेवेलोप करने से पहले बनाया जाता है | ठीक वैसे ही जैसे किसी मकान को बनाने से पहले उसका स्ट्रक्चर बनाया जाता है |
Program को develop करने के तरीके को structure कहते है | C++ मे जब भी कोई programmer program develop करता है | तो उसे पता होना चाहिए की इस program को develop करने के लिए किन-किन tools का use किया जाता सकता है | जिससे वह एक अच्छा program develop कर सके | program का structure बनाने के लिए कुछ section का use किया जाता है , जो की following है –
♦ Documentation section
♦ Link section
♦ Global declaration section
♦ Class definition section
♦ Method section
♦ Main method section
ध्यान रहे की ये सेक्शन जिस क्रम में लिखे हुए है | इन्हें इसी क्रम में उसे किया जाता है | इन्हें आप आगे – पीछे नहीं कर सकते | इन सबका क्रमबद्ध वर्णन निम्नलिखित है –
[1] – Documentation section
Documentation section एक optional section होता है | जिसमे programmer उस program से related comment या example pass कर सकता है | जो की प्रोग्रामर को ही यह समझने में मदद करता है की यह प्रोग्रम किस टॉपिक से रिलेटेड है | जिसे compiler द्वारा compile नही किया जाता है | documentation section का use करने से program की readability improve होती है | documentation section मे two type से comment pass की जाती है |
(a) Single line comment
जब भी programmer को program develop करते समय single line comment देने की आवश्यकता होती है | तो वह single line comment का use कर सकता है | single line comment को // sign के साथ define करते है |
example ⇒ //this is single line comment
(b) Multi-line comment
जब भी programmer को दो-तीन की comment pass करनी होती है | तो वह multi-line comment का use कर सकता है | इसमे comment को /*………*/ इसके अंदर लिखते है |
example ⇒ /* this is multi-line comment section*/
[2] – Link section in c++
यह एक optional section होता है | इसे header file section भी कहते है | जब भी कोई programmer predefined function का use अपने program मे करता है | तो उसे उस function के corresponding header file को include करना पड़ता है | इसे program का सबसे पहला section माना जाता है | यह header file को program से link से link करता है | इस लिए इसे link section कहते है |
syntax ⇒ #include<“header file name”>
example ⇒ #include<iostream.h>
#include<conio.h>
[3] – Global declaration section
इस section मे programmer global variable declare करता है | global variable declare करने का यह advantage होता है की , declare किए गए global variable पूरे program मे कही भी use किया जा सकता है |
[4] – Class definition section
यह optional section होता है | इस section का use जब किया जाता है | जब programmer अपने program मे class को define करता है | तो इस section का use किया जाता है | इस section मे programmer अपनी class से related properties तथा method (function) declare कर सकता है |
[5] – Method definition section
यह एक optional section है | इस section का use class define करने के बाद उस class मे method declare करने के लिए करते है |
[6] – Main method section
यह एक mandatory ( compulsory ) section होता है | बिना main method के program को execute करना possible नही होता है | क्योकि main() के अंदर ही program का main logic दिया जाता है | तथा main method से program का execution start होता है | main method section को हम program head भी कह सकते है |
♠ Conclusion ♠
ये थी structure of c++ की कुछ बेसिक जानकारी | जिसमे हमने कुछ section को बताया | अगर आपको इस पोस्ट से कुछ सीखने को मिला हो तो इसे अपनों के साथ शेयर जरूर करें और साथ ही आप ऐसी ही Knowledgeable Post और भी पड़ना चाहते हैं तो हमें SUBSCRIBE करें | साथ ही अगर आप किसी टॉपिक की सटीक जानकारी चाहते है तो , हमें Comment में अपना टॉपिक लिखें।
धन्यबाद …