ज़िन्दगी में कामयाबी पाने का आसान तरीका – easy way to success
यदि आप ज़िन्दगी में कामयाब होना चाहते है तो आप इन points को जरूर पढ़े ……
- यदि आप ज़िन्दगी में कामयाबी पाना चाहते है तो हमें सब से पहले अपना एक लक्षय बनाना होता है |यदि हमारे पास कोई लक्षय नहीं है तो कामयाबी पाना बहुत मुस्किल है | जैसे हम हम रास्ते पर चल रहे है और हम को पता नहीं कि जाना कहाँ है तो दिन रात चलते तो रहेंगे पर हमारी मंजिल कोई नहीं होगी | ठीक उसी तरह जिस तरह हम मेहनत दिन रात करते तो है पर हम सफलता प्राप्त नहीं कर पाते है |इसलिए हमें कुछ भी करने से पहले हम अगर अपना एक लक्ष्य बना ले कि हमारी मंजिल किया होगी और इसके बाद हम परिश्रम करते है तो सफलता हमें जरूर मिलती है | – easy way for success
इसलिए विवेकानंद जी ने कहा है–
“उठो जागो और लक्ष्य कि प्राप्ति तक मत रुको”
हमारे अन्दर confidence भी बहुत जरूरी है | हमें जब अपना कोई लक्ष्य प्राप्त करना होता है तो उसके लिए जरूरी है कि हमें इसका यकीन होना चाहिए कि कुछ भी हो जाये हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है उसके लिए हमें कितनी भी मेहनत कियों न करनी पड़े |इसी को कहते है confidence .यदि इसका हमारे अन्दर अभाव है तो हम मेहनत भी मन से नहीं कर पाते है और हम लक्ष्य के प्रति confuse रहते है| इसलिए हमें अपने लक्ष्य फुल confidence से मेहनत करना चाहिए |
जिन लोगो का confidence level weak होता है वो अक्सर problems को देख कर हार मन लेते है | ऐसे लोग अक्सर परेसान रहते है और अपने भाग्य को कोसा करते है | और confidence Low होने कि वजह से हर बार ये लोग अपनी हर स्वीकार करते रहते है |लेकिन जिनके अन्दर full confidence होता है वो अपने टारगेट को को किसी हाल में भी पूरा करते है | हाँ कभी – कभी ऐसा होता कि उनके सामने बहुत सी परेसनियाँ भी आती है| पर वो इन्हें वो रोक नहीं पाती है और ये हमेसा चलते रहते है और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ते है |
अक्सर आप ने देखा होगा कि समय जो हमेसा चलता रहता है कभी नहीं रुकता है वह कभी किसी का इन्तिज़ार नहीं करता है लोगो को उसका इन्तिज़ार करना पड़ता है दुनिया कि हर चीज़ उसके गुलाम है पर वो किसी का गुलाम नहीं |वह बस इसलिए है कियोंकि वह निरंतर चलता रहता है | चाहे जैसा मौसम हो चाहे सूरज निकले या न निकले , उजाला हो या न हो , चाहे पूरा दिन बारिश हो ,चाहे तेज़ धूप हो, चाहे घने बादल हो, यानि कुछ भी हो जाये पर समय अपनी speed न कभी कम करता है और न ही कभी रुकता है और न किसी का इन्तिज़ार करता है | इसीलिए हर दुनिया कि हर चीज़ उसके गुलाम है|
एक बार कि बात है दो भाई जंगल में घूमने गए| एक की उम्र चार साल और दुसरे कि उम्र सात साल कि थी | जब दोनों भाई जंगल में घूम रहे थे| तभी छोटे भाई को पियास लगती है| वो दोनों भाई कुंवे कि तलास करने लगते है| तभी उन्हें एक कुवां दिखाई देता है| दोनों भाई उस कुवें के पास जाते है| तभी बड़ा भाई उस कुवें से पानी भरने कि कोसिस करता है पर अचानक वो कुवें में गिर जाता है | तभी छोटा भाई देखता है के बड़ा भाई कुवें में गिर गया और दूर दूर तक कोई नहीं है जो उनकी मदद के लिए आये | तभी वो एक दम कुंवे में रस्सी को नीचे फेकता है| और अपने बड़े भाई से कहता है कि इस रस्सी को पकड़ लो| उसका बड़ा भाई रस्सी को पकड़ लेता है और छोटा भाई तब तक खीचता रहता है जब उसका भाई ऊपर नहीं आ जाता है | दोनों भाई बहुत डरे हुए अपने घर पहुँचते हैं |
जब वह यह कहानी अपने घर वालो को बताते है तो कोई भी उनकी बात पर यकीन नहीं करता है कि इतना छोटा लड़का इतने बड़े लार्के को कुंवे से कैसे बहार खींच सकता है | फिर गाँव वालों को बताते है मगर गावों वाले भी उन लडको कि बात पर यकीन नहीं करते है| मगर एक हकीम चाचा थे जो साइकिल सुधारा करते थे| जब उनसे कहा गया कि क्या वे लड़के सही कह रहे है तो हकीम चाचा ने कहा कियों नहीं | वे दोनों लड़के सच कह रहे है | तो गावों वालों ने कहा कैसे तो हकीम चाचा ने कहा के वहां पर उस छोटे लड़के से ये कहने वाला कोई नहीं था कि तुम यह नहीं कर सकते इसलिए बस वह ऐसा कर गया |
हमारे सामने किसी भी काम को करने से पहले सब से बड़ी समस्या ये है कि हमारे कुछ करीबी ऐसे होते है कि जो हमें बताते है कि हम ऐसा नहीं कर सकते बस यहीं तक नहीं उसके कई failear भी गिनाने लगते है| जिस वजह से पीछे रह जाते है | और काम को करने से पहले ही रुक जाते है| कियोंकि हम पहले से ही हार मान लेते है | और वो हर हमने खुद से नहीं मानी बल्कि हम किसी के कहने से दर गए और हर मान ली|
जबकि हम को मालूम होता है कि वही काम को एक हमारे जैसा व्यक्ति कर चुका है | किया उसके सामने वो failear नहीं थे फिर भी वो उस काम को कर गया और एक हम हे जो डर रहे है कि हम नहीं कर सकते | अगर हम उस व्यक्ति को भूल जाये जो हमारे failear बता रहा है | और हम अपने काम पर लग जाये और उस काम को करने कि ठान ले तो impossible है कि हम अपने लक्ष्य कि प्राप्ति न कर सके|
बस आखिर में यही कहेंगे कि कुछ भी हो हमारे अन्दर एक आग होनी चाहिए एक जूनून होना चाहिए कि हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति करना है | यदि हमको कोई रोके तो उसकी न सुनते हुए बस हमें करते जाना है करते जाना है तब तक करना है जब तक अपने लक्ष्य न पहुँच जाएँ |
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