Tokens in C++ ( C++ Token in Hindi )

जय हिन्द दोस्त , GyaniBasti में आपका स्वागत है | इस पोस्ट में Tokens in c++ तथा C++ keyword से सम्बंधित , C++ datatype से सम्बंधित , C++ Variable से सम्बंधित , C++ identifier से सम्बंधित एवं C++ operator से सम्बंधित सटीक जानकारी हम आपको देंगे | यहाँ पर दोनों C++ token in hindi को प्रदर्शित करके समझाया गया है | हमे विश्वास है की आप Tokens in C++ in hindi की इस पोस्ट को पढ़कर अपने सवालो का जबाब पा सकेंगे |

Tokens in C++

Token in C++ को जानने से पहले जानते है की टोकन होते क्या है ? तो जिस प्रकार किसी पैराग्राफ की सबसे छोटी इकाई शब्द होती है यानि शब्दों से मिलकर पैराग्राफ बनता है , उसी प्रकार टोकन C++ की सबसे छोटी इकाई होती है यानि टोकन से मिलकर ही C++ के कोड को लिखा जा सकता है |
हम , जब भी किसी language का अध्यन करते है तो उस language के कुछ predefined word और special meaning होती है | इसी प्रकार C++ मे भी कुछ predefined word और symbol होते है , जिसे हम C++ मे token कहते है | C++ मे दिए गये token following है –
1 – Keyword
2 – Datatype
3 – Identifier
4 – Operator

[ 1 ] – Keyword in C++

Keyword ऐसे reserve word होते है , जिनका special meaning compiler मे पहले से define होता है | जिनका उपयोक हम अपनी कोडिंग में करते है लेकिन इनका हम बेसिक मीनिंग बदल नहीं सकते क्योकि इनका मीनिंग कम्पाइलर में पहले से डिफाइन होता है | जिन्हे special purpose के लिए C++ मे develop किया गया है | इन keyword को हम as an Identifier use नही कर सकते , C++ मे available keyword following है!

asmcontinuefloatnewsignedtry
autodoforoperatorsizeoftypedef
breakdoublefriendprivatestaticunion
casedefaultgotoprotectedstructunsigned
catchdeleteifpublicswitchvirtual
charelseinlineregistertemplatevoid
classenumintreturnthisvolatile
constexternlongshortthrowwhile

 

♦ यहा पर कुछ important keyword दिए गए है | इसके अलावा भी बहुत से keyword है | जो बहुत ही rare    case use किए जाते है | आपको अभी सिर्फ़ इन्ही keyword पर ध्यान देना है | जैसे-जैसे सीखते जाएगे आपको    पता चलता जाएगा |

[2] – Datatype in C++

जब भी एक programmer को अपने program मे memory space की recruitment होती है | तो programmer data-type की help से memory को allocate कर सकता है | तथा data-type किसी भी variable मे store होने वाली value के type को बताते है | c++ मे data-type को three part मे divide किया गया है |
[1 ] – User define data-type
[ 2 ] – Built-in(predefined) data-type
[ 3 ] – Drive type data-type

1 – User define datatype –

user defined data-type एसे data-type होते है | जिन्हे programmer program किसी special work perform करने के लिए create करता है | जिन्हे user defined data-type कहते है | यह following type के होते है |
class , union , structure , enum , typedef etc.

2 – Built-in (predefined) data-type –

यह एसे data-type होते है | जिनकी basic meaning(“जैसे की उस data-type का size क्या है, उसकी range क्या है | etc.”) compiler मे पहले से define होती है | उन्हे built-in या predefined data-type कहते है | यह following type के होते है |
int , char , void , float , long , double etc.
• c++ मे use होने वाले data-type की range व size following है | इसमे unsigned का means बिना     sign (+,-) के range से है |

data-typesize(byte)range
char10 to 255
int2-32768 to +32767
unsigned int20 to 65535
long4-2147483648 to +2147483648
unsigned long40 to 4294967295
float43.4e-38 to 3.4e+38
double81.7e-308 to 1.7e+308
long double103.4e-4932 to 3.4e+4932

 

3 – Drive type data-type

drive type data-type एसे data-type होते है | जिन्हे access करने के लिए predefined (built-in) data-type की ज़रूरत पड़ती है | यह following type के होते है |

array
pointer
function
etc.

जब भी programmer program मे किसी value को store करना चाहता है | तो data-type की help से करता है | data-type को define करने के लिए two type के concept का use किया जाता है |
(1) – Variable
(2) – Constant

[1] – Variable in c++

data-type को access करने के लिए variable का use करते है | memory location के name को variable कहते है | variable को हम as a keyword declare नही कर सकते |
syntax – datatype [variable_name];

[2] – Constant in c++

constant वह variable होते है | जिनको define करते time ही उसमे दी जाने वाली value को variable name के साथ ही define कर दिया जाता है |
syntax – datatype [variable_name]=value;

[3] – Identifier in C++

जब भी programmer अपने program मे कोई भी name specify करता है | जैसे-की variable , function , array , classes , object , etc. तो इन्हे identifier कहते है | identifier को define करने के लिए कुछ rules होते है | जो की following है |

• Identifier को define करने के लिए programmer (a to z),(A to Z),(0 to 9),( _ , $ ) का ही use कर सकते है |
• Identifier हमेशा character से ही start होते है | जैसे की (a to z) , (A to Z) और ( _ , $ )
• C++ language एक case sensitive language है | जिसका means यह होता है , की capital latter का अलग means होगा और small latter का अलग means होगा |
• Identifier मे programmer किसी भी keyword का use नही कर सकता है | यदि वह एसा करता है | तो compile time error generate होगी |

♦ इन basic rules का use कर programmer identifier को define कर सकता है |

[4] – Operator in C++

operator का use operation perform करने के लिए किया जाता है | variable के मध्य operation perform करने के लिए जिन symbol का use किया जाता है | उन्हे operator कहते है | operator का use जिन variable के साथ किया जाता है! उन्हे operant कहते है |
example ⇒ c=a+b
above example मे + , = operator है! तथा a , b , c operant है |

• c++ मे use होने वाले operator निम्नलिखित प्रकार के होते है |

♦ arithmetic operator
♦ logical operator
♦ relational operator
♦ assignment operator
♦ increment/decrement operator
♦ conditional operator
♦ bit-wise operator
♦ special type operator

[1] – Arithmetic operator in c++

arithmetic operator का use mathematical operation जैसे की (addition , subtraction , multiply , divide , reminder , etc.) perform करने के लिए किया जाता जाता है | यह following type के होते है |
example ⇒ + , – , * , / , %

[2] – Logical operator in c++

logical operator का use किसी expression मे दी गई condition मे relation को check करने के लिया किया जाता है | यह 0 और 1 (binary) के form मे answer represent करता है | यहा पर 0 का means condition false है | और 1 का means condition true है | यह three type के होते है |
example ⇒ && , || , !

&&:- इस operator को AND operator कहते है | इस operator के साथ दी गई condition जब तक सभी true नही होगी जब तक यह execute नही होगा |

||:- इस operator को OR operator कहते है | इसमे दीकिसी एक condition के true होने पर ही यह execute हो जाता है |

!:- इस operator को NOT operator कहते है | इसमे दी गई condition के false होने पर यह execute होता है |

[3] – Relational operator in c++

यह एसे binary operator होते है | जिनका use किसी condition को true या false check करने के लिए करते है | यह following type के होते है |
example

operatoroperator name
>greater than
>=greater than equal to
<less than
<=less than equal to
==is equal to
!=not equal to

 

[4] – Assignment operator in c++

इन operator का use किसी value को variable मे assign या store करने के लिए करते है | यह binary operator होते है | example ⇒ = equal to

♦ c++ मे assignment operator का use arithmetic operator के साथ भी कर सकते है |       assignment operator का use arithmetic operator के साथ following type कर सकते है |

operatoroperator name
+=plus equal to
-=subtraction equal to
*=multiply equal to
/=divide equal to
%=reminder equal to

 

[5] – Increment & decrement operator in c++

increment & decrement operator unary operator होते है | unary operator का means यह होता है | की यह केवल एक operants के साथ work perform करते है |इन operators का use किसी variable की value को increase या decrease करने के लिए करते है | यह two type के होते है |
(a)pre increment
(b)Post increment

[a] – Pre increment & decrement in c++

यह operator किसी भी variable की value को पहले increase या decrease करते है |
pre increment    ++[variable_name]
pre decrement    –[variable_name];

[b] – Post increment & decrement in c++

यह एसे operator होते है | जो किसी execution की value को बाद मे increase या decrease करते है |
post increment     [variable_name]++;
post decrement    [variable_name]–;

[6] – Conditional operator in c++

c++ मे condition operator को ternary operator भी कहते है | यह एसे operator होते है | जिनका use किसी भी execution मे दी गई condition को true या false check करने के लिए करते है | यह operator two type के होते है |
example ⇒ ( ? ) and ( : )

[7] – Bit-wise operator in c++

c++ मे bit-wise operator का use bit-level data पर operation perform करने के लिए किया जाता है | bit-wise operator का use float और double data-type के साथ नही कर सकते है | यह निम्नलिखित type के होते है |
example

operatoroperator name
&bit-wise AND
|bit-wise OR
^bit-wise exclusive OR
<<left shift
>>right shift

 

[8] – Special type operator in c++

special type operator का use c++ मे बहुत कम होता है | लेकिन एक programmer इसकी जानकारी होना बहुत ही आवश्यक होता है |c++ मे spacial type operator का use किसी special task(work) perform करने के लिए करते है | यह operator following type के होते है |

operatoroperator name
.dot operator
*pointer operator
,comma operator
&address operator
sizeofreturn type operator

 

♠ Conclusion ♠

इस post मे C++ tokens से related knowledge दी गई है | यदि यह article आपको पसंद आया हो तो हमारी website gyanibasti.com को subscribe करे share करे ताकि c++ से related जानकारी आपको मिलती रहे | धन्यवाद..

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