Vodafone dead … Why ?

क्या वोडाफोन बंद हो चुका है ? या वोडाफोन बंद होने वाला है ? यदि हाँ , तो क्यों ? इन सब सवालों का जबाब पाने के लिए बने रहिये इस पोस्ट के अंत तक | तो चलिए समझते है …

Vodafone dead … Why ?

आपने फीचर इमेज में देखा होगा Vodafone dead … Why ? इससे आपको लगा होगा क्या सच में वोडाफोन बंद हो चुका है ? यह जानना हर एक इंडियन के लिए महत्वपूर्ण है | तो चलिए समझते है की माजरा क्या है ?

बात उन दिनों की है जब देश आजाद हुआ था | तो देश को Develop करने के लिए Government ने एक Strategy बनायीं और Telecom Industries को बोला की – आप आइये .. फ्री का टावर लगाइए .. सर्विस प्रोवाइड कीजिये | यानी आप फ्री में अपना बिज़नस स्टार्ट कीजिये | इससे आप पैसा कमा सकेंगे और हम telecom की सुविधा ले सकेंगे | इतनी बढिया Opportunity देखकर काफी कम्पनियों ने अपना Spectrum स्टार्ट किया | और India में मोबाइल सर्विस स्टार्ट हो गयी |

कुछ सालों बाद ( 2002 में ) …

India में मोबाइल सर्विस बहुत अच्छे से grow करने लगी | ये सब देखते हुए Government ने Telecom Companies को बोला की बहुत कर लिया फ्री बिज़नस , अब आपको कुछ पैसा हमे भी देना होगा |
2002 में Government ने Licence जारी किया | और Licence के चलते Telecom Companies से पैसा लिया जाने लगा | जिसमे कंपनियों को Spectrum का पैसा , Licence का पैसा और साथ में अक एक्स्ट्रा टेक्स लिया जाने लगा | जिसमे Spectrum की टोटल इनकम का 8% और Licence Fee का 4% था |
यही Telecom Companies को पुरे साल में अपनी All Revenue का  8% से 12 % तक Government को देना है | लेकिन यहाँ 2002 में Government ने All Revenue को Discuss नहीं किया | यही वजा बनी India में धीरे – धीरे Telecom Companies बंद होने की |

कुछ सालों बाद ( 2010 में ) …

India में 2010 में कई Telecom Companies आ चुकी थी और एक अच्छा नेटवर्क भी बना चुकी थी | ये सब देखते हुए Government ने Telecom Companies को बोला की अपने – अपने आज तक के Tax Pay कीजिये | तो आर्डर मिलते ही कंपनियों ने टैक्स भरना सुरु किया | तो Government ने बोला ये तो बहुत कम टैक्स है , हमने All Revenue का  8% से 12 % टैक्स लगाया था |
अब कंपनिया समझ रही थी की All Revenue का मतलब है telecom service से हुयी कमाई | लेकिन तब Government ने समझाया की आप गलत समझ गये | Government ने कहा की हमारा All Revenue मतलब AGR ( Adjust Gross Revenue ) मतलब की – वो सभी प्रकार के काम या बिज़नस जिनसे आपकी कंपनी पैसा कमाती है , उन सबका 8% से 12 % तक टैक्स आपको Government को देना है |
Government द्वारा इस तरीके का Fraud देखते हुए Telecom Companies ने Case कर दिया |

कुछ सालों बाद ( 2019 में ) …

केस का नतीजा आया और Supreme Court ने बोला की – ये Government द्वारा कोई Freud नहीं है , ये उनके Rules है जिन्हें आपको Follow करना होगा | इसके साथ ही कहा की 21 जनवरी 2020 तक पूरा टैक्स आपको भरना होगा |

अब 2010 का टैक्स 2019 तक आते – आते कई हजार करोड़ का हो चुका था | जिससे काफी कंपनियां जैसे – Aircel , Telenor etc बंद हो गयी | अब इंडिया में कुछ ही Telecom Companies बची | जैसे – Jio , Airtel , Vodafone+Idea , BSNL .
इनमे से Airtel पर 35,000 करोड़ का टैक्स
Vodafone+Idea पर 60,000 करोड़ का टैक्स
BSNL खुद Government की सिम है तो कोई टैक्स नहीं
Jio पुराना सिम नहीं था इसलिए Jio पर कुछ ही टैक्स था , जो की उसने Pay कर दिया |

इसीलिए कंपनियों ने हर महीने 35/- का रिचार्ज Compulsory कर दिया था | और Other Plan Increase हुए थे |
और 2019 के अंत तक ये Plan और अधिक Increase हुए एवं कंपनियों ने हर महीने 35/- का नहीं बल्कि 49/- , 48/- का रिचार्ज Compulsory कर दिया था |

अब 2020 में …

Airtel अपने टैक्स का 10,000 करोड़ Pay कर चुका है | एवं Vodafone , Idea ( जो की आपस में जुड़ चुके थे ) एक बार में 2,500 करोड़ तथा दूसरी बार में 1,000 करोड़ रुपयों का भुगतान कर दिया है |
लेकिन Supreme Court ने 21 जनवरी 2020 तक पूरा टैक्स आपको भरने को कहा था | जो की अब तक ( मार्च 2020 ) तक नहीं भरा गया |
Supreme Court ने दूसरा आदेश दिया की – अगर जल्दी ही टैक्स नहीं दिया गया तो कंपनियों के CEO को जेल भेज दिया जायेगा | इससे कंपनियों पे प्रेशर हुआ और Vodafone , Idea ने Government से सहायता मांगी की या तो कुछ टाइम दे दो , या व्याज छोड़ दो | लेकिन Government ने किसी भी प्रकार की सहायता देने से मना कर दिया | अब Vodafone पर बैंकों का एक लाख करोड़ का कर्जा पहले से है तो अब Vodafone बैंकों से कर्जा भी नहीं ले सकता और Government से कोई Help भी नहीं मिल रही |
तो इन परिस्थितियों में

हो सकता है …

Vodafone को नीलाम कर दिया जाये | जिसे बेचकर बैंक अपना पैसा लेगी और सरकार अपना |
यहाँ पर बैंक और अधिक लोन नहीं दे सकती ये तो समझ में आता है | लेकिन सरकार इतना प्रेशर क्यों कर रही है , ये समझ नहीं आता ? क्या सरकार खुद चाहती है की Vodafone बिके ?

मेरे अपने विचार …

जी हाँ , सरकार चाहती तो कुछ टाइम की मोहलत दे सकती थी | या Real Amount जो 7,000 – 8,000 करोड़ है उतना ले सकती है और Real Amount के ऊपर लगा Interest माफ़ कर सकती है क्योंकि सरकार का सपना है डिजिटल इंडिया बनाना | तो सरकार के सपने को पूरा करने बाली Telecom ( Company Vodafone ) के लिए इतना तो कर ही सकती है | Vodafone Company में काम करने बाले हजारो कर्मचारियों को बेरोजगार होने से बचा तो सकती ही है | क्योकि Vodafone ने पैसा देने से मना तो किया नहीं है | फिर उसपर क्यों इतना प्रेशर ?
सरकार को बस पैसा दिख रहा है …
सरकार Vodafone के नीलमी से पैसा लेगी और नीलम होने के बाद उसके Spectrum को किसी दूसरी कंपनी को बेचकर उससे पैसा लेगी | फिर चाहे वो कंपनी Monopoly Create क्यों न कर दे | क्योंकि जब Competitor ख़त्म हो जायेंगे तो Operator मनमानी ही करेंगे |

एक तरफ तो सरकार बोलती है डिजिटल इंडिया और दूसरी तरफ ऑपरेटर बालो से इतना पैसा बसूलती है | ये कौनसा तरीका है सपना पूरा करने का |
LIC बेंच दो
Air India बेच दो
Companies बेंच दो
Vodafone बंद हो तो हो जाये
लोग बेरोजगार हो तो हो जाये
Future में मोनोपोली हो तो हो जाये
हमें बस पैसा चाहिए …

♠ Conclusion ♠

हमें उम्मीद है की आपको काफी कुछ समझ में आ गया होगा | और आशा करते है की आप हमारी इस पोस्ट को आपके अपनों तक जरूर पहुचाएंगे | साथ ही अगर आप ऐसी ही Knowledgeable Post और भी पड़ना चाहते हैं तो हमें SUBSCRIBE करें | अगर आप किसी टॉपिक की सटीक जानकारी चाहते है तो , हमें Comment में अपना टॉपिक लिखें।
धन्यबाद …

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