नमस्कार .. आज अगर ये कहा जाये की इन्टरनेट ही जीवन है , तो सायद यह गलत नहीं होगा | क्योकि आज हमारे हर दस में से आठ काम इन्टरनेट पर होते है | इन्टरनेट के बिना जीवन की कल्पना करना .. अब मुस्किल सा लगता है | आज इन्टरनेट हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है |
तो आज के इस तकनीकी दौर में इन्टरनेट से सम्बंधित कुछ जानकारियाँ होना अति आवश्यक है | जैसे – इन्टरनेट क्या है ? इन्टरनेट कैसे काम करता है ? इन्टरनेट का मालिक कौन है ? ऐसे ही कुछ बेसिक प्रश्नों का उत्तर आपको इस पोस्ट में आसन शब्दों में मिल जायेगा | इसके लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें |
INTERNET
इन्टरनेट आज के समय में हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, पूरी दुनिया आज इन्टरनेट के माध्यम से आपस में जुडी हुई है | कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहॉ पर इन्टरनेट का प्रयोग नहीं किया जा रहा हो । इन्टरनेट अल्प समय में नहीं बना है , इसे बनने में कई साल लग गये | यहाँ पर इन्टरनेट के इतिहास से इसे समझना शुरू करते है |
बात उन दिनों की है जब Electronic Computers के विकास बहुत तेजी से हो रहा था | तब से शुरुआत हुयी थी इन्टरनेट की | जब computers के जगत में विकास होने लगा तब उन्हें एक दूसरे से जोड़ने के लिए अवं सूचनाओं के आदान प्रदान करने के लिये नेटवर्किंग की जरुरत महसूस होने लगी | तो उसी समय US में एक तकनीकी खोजी गयी | इस तकनीकी की वजह से एक दूसरे computers को आपस में जोड़ा गया था | तथा उस तकनीकी को ARPANET के नाम से जाना गया | इसकी शुरुआत होने के बाद ही लगभग 60 के दशक के ख़त्म होते होते ARPANET, NPL network, CYCLADES, Merit Network, Tymnet, और Telenet जैसे कई तरह की तकनीक networking के लिए इस्तेमाल में होने लगी |
उसके करीब दस साल बाद ब्रिटिश ने सबसे पहला अंतराष्ट्रीय network बना कर नये तरीके इस मामले में क्रांति सी ला दी | 1979 में ब्रिटिश डाकघर में पहली बार इन्टरनेट का प्रयोग प्राघोगिकी ( Technology ) के रूप में किया गया | 1984 में इस नेटवर्क से लगभग 1000 से ज्यादा कम्प्यूटर जुड गये थे। धीरे धीरे दूसरे क्षेत्रों में भी सूचनाओं के आदान प्रदान करने के लिये इस नेकवर्क का प्रयोग किया जाने लगा और यह नेटवर्क बडा रूप धारण करने लगा। 1986 में इसे एन0एस0एफ0नेट का नाम दिया गया और धीरे धीरे सारी दुनिया को इण्टरनेट ने अपने कब्जे में कर लिया, आज केवल भारत में ही 48 करोड से ज्यादा व्यक्ति यानि भारत की 36% से भी ज्यादा जनसंख्या आज इन्टरनेट का प्रयोग करती हैं। और यह संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ भी रही है |
Internet Working
आपके दिमाग में यह सवाल कभी न कभी जरूर आया होगा की इन्टरनेट आखिर काम कैसे करता है ? जोभी हम सर्च करते है वो हमतक पहुच कैसे रहा है ? और हो सकता है कुछ लोगो ने ये तक सोच रक्खा हो की इन्टरनेट शायद वाईफाई रोटर से चलता होगा या फिर शायद सेटेलाइट से चलता होगा या और कुछ …
तो रुकिए जनाब .. ये सब आपने गलत सोच रक्खा है | हम सब प्रतिदिन Google, Facebook, Whatsapp, Twitter, Wikipedia और न जाने कौन कौन से एप्लीकेशन प्रतिदिन चला रहे है । जिसमे प्लारतिदिन इन्टरनेट पर लाखों GB का डाटा अपलोड हो रहा है और डाउनलोड भी हो रहा है तथा साथ साथ शेयर भी हो रहा है | यह सब कैसे हो रहा है ? कोई डाटा को अपलोड इंडिया में कर रहा है और वही डाटा डाउनलोड रसिया में हो रहा है। तो इंडिया और रशिया के बीच आखिर है क्या ? इसीलिए हम सभी शायद यह सोचते हैं कि इंटरनेट सेटेलाइट के जरिए चलता होगा ? लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है |
दोस्तों जैसे टेलीफ़ोन पहले Cables ( तार ) के माध्यम से चलते थे | वैसे ही इंटरनेट Cables के जरिए चलता है। हांजी सही पढ़ा आपने 99% इंटरनेट Cables के जरिए चलता है । यानि इन्टरनेट बनाने के लिए पूरी दुनिया में Cables को बिछाया गया है | पूरी दुनिया के networks को आपस में जोड़कर Internet बनाया गया है | बाकी 1% इंटरनेट वह माइनर ट्राफिक सेटेलाइट के जरिए हम सब के पास पहुंचता है । Cables पूरी पृथ्वी पर बिछी हुई है । इन Cables को कहते हैं Fiber Optical Cable और इन्हें कभी-कभी Submarine Cable भी कहा जाता है ।
इसे और अधिक गहराई से समझने के लिए यह बहुत बड़ा टॉपिक है जिसे नेटवर्किंग कहते है | यह खुद में एक इंजीनियरिंग फील्ड होती है , अब आप समझ सकते है की यह कितना बड़ा टॉपिक है |
इंटरनेट का मालिक कौन है ?
जैसा की हमने बताया की इन्टरनेट को चलने के लिए पूरी प्रथ्वी पर Cables बिछायीं जाती है | तो अब आपके दिमाग में यह ख्याल आ रहा होगा कि Cables को बिछाया किसने है ? और इन्टरनेट का मालिक कौन है ? क्योंकि जिन्होंने भी यह केवल बिछाई होगी, वही Internet के मालिक होंगे | लेकिन ऐसा नहीं है , Internet का कोई भी मालिक नहीं है ।
Internet को चलाने वाले इन Cables को देश और दुनिया के बड़ी बड़ी Private Company ने अपने पैसे लगाकर बिछाई है । INTERNET SERVICE PROVIDERS [ ISP ] हम सब को इंटरनेट प्रोवाइड करवाती है । यह तीन भागों में विभाजित की गई है । जो निम्नलिखित है –
[1] – Tier 1
[2] – Tier 2
[3] – Tier 3
दोस्तों अब हम समझते है की ये तीनो टियर क्या है ? और इनका काम क्या है ?
यहाँ पर Tier 1 Company ने अपने पैसे लगाकर समुंद्र में Cables बिछवाई और Tier 2 तथा Tier 3 Companies वह Company है , जिन्हें हम पैसा देते है और वह उन पैसो के बदले हमें Internet देती हैं ।
Tier 2 Company जो है वो Tier 1 Company से इंटरनेट लेती है और हमें अर्थात ग्राहक को देती है । और उसके बदले में ग्राहक से पैसे लेती है और अपना थोड़ा कमीशन रखकर Tier 1 Company को पैसे दे देती है । तथा Tier 3 Company भी ऐसा ही करती है।
• अपने भारत में Tier 1 Company Tata Communications है जो Other Telecom Companies को Internet Provide कराती है |
♠ Conclusion ♠
इस पोस्ट में हमने इन्टरनेट को समझा | जिसमे उसकी कार्य करने की प्रकिया के साथ साथ उसके मालिक के बारे में भी समझा | हम आशा करते है की आपको अच्छे से समझ आया होगा | फिरभी यदि कोई सवाल है तो हमे कमेंट में लिखे , हम उसका उत्तर आपको अवश्य देंगे | साथ ही ऐसी ही Knowledgeable Post लॉकडाउन के दौरान घर बैठे पढ़ते रहने के लिए हमें SUBSCRIBE करें | आपसे अनुरोध है की कृपया अपने लिए , अपने परिवार के लिए , अपने देश के लिए सरकार की गाइडलाइन का पालन करें | घर पर रहे , सुरक्षित रहे |
धन्यबाद …